अमेरिका के टैरिफ के बाद चीन ने भारत की ओर बढ़ाया हाथ|

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओंअमेरिका और चीनके बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेड वॉर ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में लगाए गए भारी टैरिफ के चलते चीन को वैश्विक व्यापार में भारी झटका लगा। ऐसे में अब चीन ने व्यापारिक संतुलन बनाए रखने के लिए भारत की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का असर:

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर अरबों डॉलर के टैरिफ लगाए। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिए। इस व्यापार युद्ध का असर केवल इन दोनों देशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ा।

भारत को क्यों देख रहा है चीन?

चीन के लिए भारत एक विशाल और तेजी से उभरता हुआ बाजार है। अमेरिका से व्यापार में कटौती के बाद चीन को नई साझेदारियों की जरूरत महसूस हो रही है। भारत की बढ़ती उपभोक्ता शक्ति, डिजिटल बाजार, और मजबूत उत्पादन क्षमता ने चीन का ध्यान खींचा है।

टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग में सहयोग

उद्योगिक निवेश और स्टार्टअप्स में दिलचस्पी

एग्रीकल्चर और फार्मा सेक्टर में संयुक्त व्यापार

भारत का रुख क्या है?

हालांकि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और सुरक्षा मुद्दों को देखते हुए भारत पूरी तरह से खुलकर चीन के साथ साझेदारी करने को तैयार नहीं है। भारत ने "आत्मनिर्भर भारत" अभियान के तहत स्थानीय उत्पादन और विदेशी निर्भरता को कम करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

ट्रंप ट्रेड वॉर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को गहराई से प्रभावित किया है। चीन अब अमेरिका के टैरिफ से बचने के लिए भारत जैसे देशों की ओर देख रहा है, लेकिन भारत की रणनीतिक सोच और राष्ट्रीय हितों को देखते हुए यह साझेदारी एक संतुलित और सोच-समझ कर ही आगे बढ़ सकती है।

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